हल्द्वानी : नशा मुक्ति केंद्र में कई दिन से चल रहा था क्रूरता का खेल, एक युवक की मौत के बाद खुली कलई

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न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, हल्द्वानी

Updated Mon, 09 Nov 2020 12:55 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला


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हरिपुर नायक कमलुवागांजा रोड स्थित आदर्श जीवन नशा मुक्ति केंद्र में क्रूरता और बेरहमी का खेल काफी दिनों से चल रहा था, लेकिन कोई खुलकर विरोध करने के लिए सामने नहीं आया। इस केंद्र में एक युवक की मौत होने के बाद सारे लोगों की कलई खुल गई।आदर्श जीवन नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राजीव जोशी दिल्ली में एक कार्यालय चलाते थे। संचालक की माने तो उन्होंने फरवरी में मुरादाबाद निवासी पीयूष कौशिक को सुपरवाइजर नियुक्त किया था। सभी को पता था कि पीयूष केंद्र में भर्ती लोगों के साथ कैसा सलूक करता था। संचालक समय समय पर केंद्र में आकर सभी के बारे में जानकारी लेते थे।पीयूष बड़बोले पन में भर्ती युवकों के सामने कहता था कि एक व्यक्ति की पिटाई से दिमाग की नस फट गई और उसकी मौत हो गई, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया। इसी तरह की धौंस देकर भर्ती लोगों को पीयूष डराता था। नशे के लती लोगों को सुधारने के लिए उसने योग के बजाय डंडे का सहारा ले लिया था। केंद्र पर पहुंचे मरीजों के परिजनों के बीच चर्चा थी कि पाप का घड़ा प्रवीन की मौत के साथ फूट गया। संचालक ने खुद बोला कि पीयूष ने कलंकित कर दिया है। 

केंद्र में भर्ती युवकों का कहना था कि पिटाई की बात संचालक को भी पता थी लेकिन उसने कभी पीयूष कौशिक को डांटा तक नहीं। पीयूष केंद्र में आने के बाद कर्मचारियों से भर्ती युवकों का हाथ पकड़वाने के बाद खुद डंडे से पीटता था। पीयूष का खास बनने के चक्कर में कर्मचारी उसी के इशारे पर काम करते थे। पुलिस के समक्ष गवाह सहित अन्य युवकों ने भी बयान दिए। क्रूरता की दास्तां सुनने और पीड़ितों के बयान दर्ज होने पर पुलिस गिरफ्तारी के लिए तैयार हुई। थानाध्यक्ष भगवान सिंह महर को संचालक राजीव जोशी के मोबाइल का सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) का इंतजार था। सीडीआर में घटना के दिन वह केंद्र में मौजूद नहीं था। इसी कारण उसे साक्ष्य छिपाने और सूचना नहीं देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। क्योंकि मौत की बात संचालक को पता थी लेकिन उसने पुलिस से छिपाने की कोशिश की। वह समझता था कि मामला रफा दफा हो गया लेकिन मौत उसके गले की हड्डी बन गई।  पुलिस सत्यापन का संचालक को पता नहीं हत्या के मामले में गिरफ्तार पीयूष कौशिक मुरादाबाद का मूल निवासी है। इसी तरह अन्य आरोपी अभय उर्फ बिट्टू मूल रूप से उड़ीसा का निवासी है लेकिन अभय के पिता लालकुआं स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। इसी कारण अभय लालकुआं में रहता था। पूछने पर संचालक ने पुलिस सत्यापन के बारे में खुलकर नहीं बताया था।

सार
केंद्र में प्रवीन की हत्या का मामला, गिरफ्तारी में संचालक का कोई बहाना काम नहीं आया

विस्तार

हरिपुर नायक कमलुवागांजा रोड स्थित आदर्श जीवन नशा मुक्ति केंद्र में क्रूरता और बेरहमी का खेल काफी दिनों से चल रहा था, लेकिन कोई खुलकर विरोध करने के लिए सामने नहीं आया। इस केंद्र में एक युवक की मौत होने के बाद सारे लोगों की कलई खुल गई।

आदर्श जीवन नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राजीव जोशी दिल्ली में एक कार्यालय चलाते थे। संचालक की माने तो उन्होंने फरवरी में मुरादाबाद निवासी पीयूष कौशिक को सुपरवाइजर नियुक्त किया था। सभी को पता था कि पीयूष केंद्र में भर्ती लोगों के साथ कैसा सलूक करता था। संचालक समय समय पर केंद्र में आकर सभी के बारे में जानकारी लेते थे।

पीयूष बड़बोले पन में भर्ती युवकों के सामने कहता था कि एक व्यक्ति की पिटाई से दिमाग की नस फट गई और उसकी मौत हो गई, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया। इसी तरह की धौंस देकर भर्ती लोगों को पीयूष डराता था। नशे के लती लोगों को सुधारने के लिए उसने योग के बजाय डंडे का सहारा ले लिया था। केंद्र पर पहुंचे मरीजों के परिजनों के बीच चर्चा थी कि पाप का घड़ा प्रवीन की मौत के साथ फूट गया। संचालक ने खुद बोला कि पीयूष ने कलंकित कर दिया है। 

सीडीआर आने के बाद हुई गिरफ्तारी 

केंद्र में भर्ती युवकों का कहना था कि पिटाई की बात संचालक को भी पता थी लेकिन उसने कभी पीयूष कौशिक को डांटा तक नहीं। पीयूष केंद्र में आने के बाद कर्मचारियों से भर्ती युवकों का हाथ पकड़वाने के बाद खुद डंडे से पीटता था। पीयूष का खास बनने के चक्कर में कर्मचारी उसी के इशारे पर काम करते थे। पुलिस के समक्ष गवाह सहित अन्य युवकों ने भी बयान दिए। क्रूरता की दास्तां सुनने और पीड़ितों के बयान दर्ज होने पर पुलिस गिरफ्तारी के लिए तैयार हुई। थानाध्यक्ष भगवान सिंह महर को संचालक राजीव जोशी के मोबाइल का सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) का इंतजार था। सीडीआर में घटना के दिन वह केंद्र में मौजूद नहीं था। इसी कारण उसे साक्ष्य छिपाने और सूचना नहीं देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। क्योंकि मौत की बात संचालक को पता थी लेकिन उसने पुलिस से छिपाने की कोशिश की। वह समझता था कि मामला रफा दफा हो गया लेकिन मौत उसके गले की हड्डी बन गई।  पुलिस सत्यापन का संचालक को पता नहीं हत्या के मामले में गिरफ्तार पीयूष कौशिक मुरादाबाद का मूल निवासी है। इसी तरह अन्य आरोपी अभय उर्फ बिट्टू मूल रूप से उड़ीसा का निवासी है लेकिन अभय के पिता लालकुआं स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। इसी कारण अभय लालकुआं में रहता था। पूछने पर संचालक ने पुलिस सत्यापन के बारे में खुलकर नहीं बताया था।

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सीडीआर आने के बाद हुई गिरफ्तारी 

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