पंजाब सरकार ने गन्ने के अपने एसएपी (SAP) में कोई वृद्धि नहीं की है

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पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों के गन्ना किसान 20 अगस्त 2021 से धनोवली के पास जालंधर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। धरना आज पांचवे दिन भी जारी रहा। चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के साथ कल यानी सोमवार को हुई बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, इस कारण, किसान अपना विरोध जारी रखे हुए हैं। इसलिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह गन्ना के दाम एवं लंबित बकाये के भुगतान को लेकर पिछले पांच दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ मंगलवार को बैठक करेंगे।

राष्ट्रीय राजमार्ग और एक रेलवे लाइन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। पंजाब सरकार द्वारा किसान संगठनों के साथ साँझा किए गए उत्पादन की लागत के आंकड़ों को वे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। पंजाब सरकार ने गन्ने के अपने एसएपी (SAP) में कोई वृद्धि नहीं की है, भले ही उनके अपने शोधकर्ताओं के आंकड़े फसल की उत्पादन लागत में वृद्धि दर्शाते हैं। गन्ना उत्पादक इस बात से नाराज और चिंतित हैं कि राज्य सरकार फसल विविधीकरण का प्रयास कर रहे किसानों को पर्याप्त समर्थन के बिना फसलों के विविधीकरण की बात कर रही है।

पंजाब सरकार ने पड़ोसी हरियाणा की तुलना में इसकी कीमतें बहुत कम रखी हैं और अब तक बकाया का भुगतान भी नहीं किया गया है।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने ट्वीट कर कहा था कि पंजाब की ओर से दिया जाने वाला एसएपी बेहतर होना चाहिए और हैरानी की बात यह है कि पंजाब का एमएसएपी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों से कम है, जबकि खेती की लागत अधिक है।

संयुक्त मोर्चे में शामिल पंजाब के सभी किसान यूनियनों ने इसमें भागीदारी की है। प्रमुख रूप से दोआबा किसान संघर्ष कमेटी, जमहूरी किसान सभा, दोआबा किसान यूनियन, गन्ना संघर्ष कमेटी दसूहा, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल, भारतीय किसान यूनियन सिरसा, भारतीय किसान यूनियन कादियां, किरती किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर, पगड़ी संभाल जट्टा हरशे मानसर व अन्य कई किसान संगठन शामिल हुए।

पंजाब के कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री एवं किसान नेताओं के बीच बैठक होगी।

इस बीच पंजाब के आयुक्त (कृषि) बलविंदर सिंह सिद्धू और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के दो अर्थशास्त्रियों समेत अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के एक दल ने जालंधर में किसान नेताओं के साथ बैठक की एवं गन्ने उत्पादन की लागत उनका पक्ष जाना।

सिद्धू ने कहा कि ज्यादातर मुद्दों पर किसानों एवं सरकार के बीच सहमति बन गयी है लेकिन अब भी कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं जिनके कल मुख्यमंत्री के साथ बैठक में हल हो जाने की आस है।

किसान, गन्ना के राज्य परामर्श मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। वे पहले ही पंजाब सरकार द्वारा घोषित प्रति क्विंटल पर 15 रूपये की वृद्धि ठुकरा चुके हैं।

राज्य सरकार ने गन्ने के वास्ते शुरुआती किस्म के लिए 325 रूपये, मध्यम के लिए 315 और देर से पकने वाली किस्म के लिए 310 रूपये की दरों की घोषणा की थी। किसानों ने कहा कि पड़ोस हरियाणा में सरकार 358 रूपये प्रति क्विंटल दे रही है।

प्रशासन से मीटिंग के बाद किसान नेता मनजीत सह राय ने कहा कि उन्होंने सरकार की एक्सपर्ट कमेटी के सामने अपना उत्पादन शुल्क रखा है जोकि 470 रूपए क्विंटल है। जिसे एक्सपर्ट कमेटी भी नाकारा नहीं सकी है यानी उसने भी माना है की उत्पादन शुल्क यही है। परन्तु हम आज भी अपने लिए वही पुरानी माँग 400 रूपए प्रति क्विंटल कर रहे हैं।

किसान नेता मनजीत सह राय ने आगे कहा कि हमने मंगलवार से पंजाब बंद का आह्वान किया था जिसे अभी स्थगित किया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री से मीटिंग है और उम्मीद है कि वो हमारी मर्जी का भाव देने के लिए तैयार होंगे और अगर ऐसा नहीं होता है तो हम वहीं से पंजाब बंद का आवाह्न कर देंगे।  

मनजीत ने कहा अभी हमारी मांग पर कोई बात नहीं की गई। जालंधर का धरना ऐसे ही चलेगा, सड़क व रेल आवागमन बेमियादी समय के लिए ठप रखा जाएगा। जरूरत पड़ी तो पंजाब की हर सड़क जाम की जाएगी।

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