शिवरात्रि हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है

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 देहरादून शिवरात्रि हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है. भगवान शिव को समर्पित यह त्योहार चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था. इसके अलावा शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है. इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है.

वैसे महीने की हर चतुर्दशी को मास शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन शिवजी का महीना है, इसलिए इसका महत्व विशेष होता है. सावन शिवरात्रि के दिन व्रत, उपवास, मंत्र जाप और रात्रि जागरण को बहुत मंगलकारी माना जाता है. इस दिन लोग कांवड़ में गंगाजल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं. इस बार सावन की शिवरात्रि 15 जुलाई को पड़ रही है.

सावन शिवरात्रि 2023 चार प्रहर की पूजा

सावन शिवरात्रि प्रथम प्रहर पूजा – 07.21 PM – 09.54 PM (15 जुलाई 2023)
सावन शिवरात्रि दूसरा प्रहर पूजा – 15 जुलाई, 09.54 PM – 16 जुलाई, 12.27 AM
सावन शिवरात्रि तीसरा प्रहर पूजा – 12.27 AM – 03.03 AM (16 जुलाई 2023)
सावन शिवरात्रि चौथे प्रहर की पूजा – 03.03 AM – 05.33 AM (16 जुलाई 2023)

शिवरात्रि पप कैसे करें शिवजी की उपासना?
सावन की शिवरात्रि पर सुबह स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें. शिवजी को जल अर्पित करें. इसके बाद पंचोपचार पूजन करके शिव जी के मंत्रों का जाप करें. रात में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक या शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं. अगर आप चार पहर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे में शहद से पूजन करें. हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करें.

मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने वालों पर महादेव की विशेष कृपा बरसती है. इस दिन मां गौरी को सुहाग की सामग्री अर्पित करने से पति की आयु लंबी होती है. जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं. वैवाहिक जीवन में सुख, संतान प्राप्ति और आर्थिक लाभ पाना चाहते हैं तो सावन शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करें.

शिव पुराण में इस व्रत का उल्लेख करते हुए लिखा है कि जो कोई भी इंसान इस दिन सच्चे मन से पूजा करता है और व्रत रखता है उसकी सभी इच्छाएं अवश्य पूरी हो जाती हैं. कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती है. इस दिन पंचामृत से रात्रि के समय शिव का अभिषेक करना श्रेष्ठ माना जाता है. सावन शिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का भी विधान है.

सावन शिवरात्रि का सबसे शक्तिशाली मंत्र

ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

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